
ए. के. चौधरी, प्रमुख – कश्यप सन्देश, बिहार
पटना। पुनाईचक स्थित बिहार निषाद संघ के प्रदेश कार्यालय में संघ के संस्थापक महामंत्री स्वर्गीय वीरसेन की 41वीं तथा पूर्व प्रधान महासचिव स्वर्गीय रामाशीष चौधरी की 5वीं पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित कोर कमेटी की बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने दोनों दिवंगत निषाद नेताओं के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ई. हरेंद्र प्रसाद निषाद ने कहा कि स्व. वीरसेन एक प्रतिष्ठित लेखक, पत्रकार व स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पटना के काजीपुर मुहल्ला स्थित मछुआटोली के निवासी थे और बिहार में हिंदी सेवा के लिए वर्ष 1981 में मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा द्वारा राजकीय सम्मान से सम्मानित किए गए थे। उनकी पुत्रवधू और प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णा देवी ने बताया कि वे “निषादवाणी” पत्रिका के माध्यम से वर्षों तक समाज की आवाज बनते रहे।
कार्यकारी प्रधान महासचिव धीरेन्द्र निषाद ने बताया कि स्व. वीरसेन ने “राष्ट्र के कर्णधार”, “मल्लाह, मुजरिम कौन”, “दुखी बिहार”, “अरमानों की आंधी” और “हमारी जीत” जैसी कई प्रेरणादायी पुस्तकें लिखीं। वहीं प्रदेश महासचिव मनोज कुमार ने कहा कि स्व. रामाशीष चौधरी ने निषाद समाज के अधिकारों के लिए बड़े आंदोलनों और रैलियों का नेतृत्व किया और समाज को न्याय दिलाने के लिए सतत संघर्ष किया।
बैठक में संगठन विस्तार, कोष संग्रह और निषाद समाज की राजनीतिक भागीदारी पर गंभीर चर्चा की गई। बैठक में लव किशोर निषाद को प्रदेश महासचिव तथा कैलास प्रसाद को प्रदेश सचिव पद पर मनोनीत किया गया।
इस मौके पर लालबहादुर विंद, श्रवण सहनी, रामजी चौधरी, गंगा चौधरी, शंकर चौधरी, कैलास सहनी, सुनील चौधरी, केदार सिंह, मदन प्रसाद सिंह, अभिमन्यु प्रसाद सिंह समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।