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उन्नाव पूर्व विधायक रामकुमार एडवोकेट एवं पूर्व सदस्य सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति राष्ट्रीय अध्यक्ष :अ.भा. लोधी निषाद बिन्द कश्यप एकता समता महासभा राष्ट्रीय महासचिव :नेशनल एसोसिएशन आफ फिशर मेन (NAF) राष्ट्रीय निषाद संघ द्वारा जनपद उन्नाव में नगर पालिका परिषद शुक्लागंज व कटरी क्षेत्र में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ की विभीषिका से जनमानस को होने वाली हानि एवं परेशानी को रोकने के लिए गंगा नदी के बांये तट पर शुक्लागंज पुराने पुल से जाजमऊ पुल तक मारिजनल बाँध के निर्माण के सम्बन्ध में उन्नाव जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया।कृपया उक्त विषयक आपको सम्बोधित अधोहस्ताक्षरी के पत्र दिनांक 25.05.2024, 10. 10.2024 का संदर्भ लेने की कृपा करें जिनकी छायाप्रतियों आपके सुलभ संदर्भ हेतु संलग्न है।
उक्त के क्रम में दिनांक 04.10.2024 को गूगल मीट के माध्यम से वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा आहूत बैठक के कार्यवृत एवं अधीक्षण अभियन्ता षष्टम मण्डल सिंचाई कार्य लखनऊ के पत्र दिनांक 13.12.2024 एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित मारिजिनल बाँध के लिए किया सर्वे की छायाप्रतियों (संलग्न) का अवलोकन करने की अपील की गई
अधोहस्ताक्षरी को अधीक्षण अभियन्ता षष्टम मण्डल सिंचाई कार्य लखनऊ का पत्रांक 1369/ षष्टम दिनांक 11.02.2025 प्राप्त हुआ जिसमें अधीक्षण अभियन्ता षष्टम, सम्बन्धित खण्ड के तकनीकी अधिकारियों एवं अधोहस्ताक्षरी के साथ संयुक्त रूप से दिनांक 21.12.2024 को स्थलीय निरीक्षण का उल्लेख करते हुए अंकित किया है
“निरीक्षण के समय तटबन्ध के पूर्व संरेखण को मौके पर देखने पर संज्ञान में आया कि प्रस्तावित तटबन्ध के अंदर (नदी की तरफ) कई पक्की संरचनायें (व्यक्तिगत एवं सरकारी) यथा मकान, पानी की टंकी, सड़क इत्यादि निर्मित हो चुके है।
अतः व्यवहारिक दृष्टिगत से पुराने संरेखण पर एवं तकनीकी मानक के अनुरूप तटबन्ध का निर्माण साध्य नहीं है”।
उक्त से स्पष्ट है कि केन्द्रीय जल आयोग की टी०एस०सी० की 132वीं बैठक दिनांक 06.03.2017 को स्वीकृत उन्नाव खण्ड, शारदा नहर उन्नाव, के शुक्लांगज, शक्तीनगर एवं रविदास मोहल्ले व कटरी के गाँवों को बाढ़ से बचाने हेतु गंगा नदी के बायें बैंक पर मारिजिनल बाँध बनाने की परियोजना के कियान्वयन में कार्यदायी संस्था इच्छुक नही है। दिनांक 06.03.2017 से अब तक कार्यदायी संस्था ने मारिजिनल बाँध के निर्माण को किसी न किसी बहाने से रोकने का प्रयास किया है, क्योंकि उनके द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 11.02.2025 में अंकित आख्या “निरीक्षण के समय तटबन्ध के पूर्व संरेखण को मौके पर देखने पर संज्ञान में आया कि प्रस्तावित तटबन्ध के अंदर (नदी की तरफ) कई पक्की संरचनायें (व्यक्तिगत एवं सरकारी) यथा मकान, पानी की टंकी, सड़क इत्यादि निर्मित हो चुके है।
अतः व्यवहारिक दृष्टिगत से पुराने संरेखण पर एवं तकनीकी मानक के अनुरूप तटबन्ध का निर्माण साध्य नही है”। विधि सम्मत नहीं है।