कश्यप सन्देश

13 January 2025

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एच,एम,पी,वीं वीवायरस से घबराएं -जंतु विज्ञान के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे

वाराणसी रामवृक्ष कलमकार।दो हफ्ते पहले मैंने किसी अखबार पढ़ा था कि चीन में उपरोक्त वायरस फैल चुका है और लोग संक्रमित भीहोरहेहैं, तब तक भारत में यह वायरस नहीं आया था, लेकिन आज यह न ई दिल्ली सहित अन्य महानगरों में दबेपांव पधार चुकाहै, जिंससे जनमानस को सावधान रहने की आवश्यकता है। यहां के वैज्ञानिक और डाक्टरों के अनुसार यह‌वायरस कोरोना जितना गंभीर नहीं होगा, यह कहना है काशी विश्व विद्यालय के विज्ञान संस्थान के जन्तु विज्ञान के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे का। परंतु उन्होंने यह भी बताया कि यह कोरोना की तरह ही फैलता है। कारण कि यह भी श्वसन वायरस है ।यह वायरस 5साल के बच्चे या उससे कम उम्र के बच्चों में ,या 60वरष से अधिक उम्र वाले लोगों केलिए घातक‌हो सकता है। अभी चीन में इस वायरस से मृत्यु का कोई आंकड़ा प्राप्त नहीं हूआहै। वैसे जो लोग पहले से गंभीर या असाध्य बीमारियों से जूझ रहे हैं उनके लिए यह वायरस अधिक खतरनाक हो सकता है। इससे बचाव केलिए कोविड जैसे ही क्वारंटाइन होने की आवश्यकता पड़ेगी, जिसके लिए सरकारी अस्पतालों में बेड की व्यवस्था की तैयारी की जारही है, वैसे वैज्ञानिक और डॉ का मानना है कि यह वायरस भारत में पहले से मौजूद है, इसका प्रभाव वरष2011मेहीहोचुकाथा।आइ,एम,एसके पूर्व डीन रिसर्च प्रोफेसर गोपाल नाथ, ने बताया हैकियह मौसमी बीमारी है, जो अधिकतर सर्दियों में होती है।यह रिसपरेटरी, यानी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करसकती है,यह फ्लू केसमान है तथा इंफ्लूएंजा से मिलता जुलता वायरसहै
जिसके प्रभाव पर शोधजारी है, जैसा कि आपको पता ही होगा कि यहां पर प्यास लगने पर कुआं खोदना,की पुरानी कहावत है। मैंने तो दो हफ्ते पहले ही यह भविष्य वाणी करदो थी,कि कोरोना 2का आगमन कुछ समय बाद भारत में होने‌वालाहै, लेकिन उस समय इस बात को लोग हल्के में ले ले रहे थे, जबकि, भविष्य मालिका ग्रंथ में पहले ही भविष्य वाणी कीग ई है कि आगामी 3वरष,2025सेलेकर2027तक का‌समय मानव जाति पर भारी पड़ सकता है। इसलिए मैं पहले से ही आगाह करना चाहूंगा कि अपने स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता है, सरकारी अस्पतालों के भरोसे एक‌दम से निर्भर नहीं रहना चाहिए।

HMPV यह कोई नया वायरस नहीं है- IMA विशेषज्ञयों द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव

कानपुर नगर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, कानपुर शाखा द्वारा आज दिनांक 8 जनवरी 2024, दिन बुधवार को एक पत्रकार वार्ता का आयोजन सांय 4:00 बजे आई.एम.ए. के सेमिनार हॉल में किया गया।
इस पत्रकार वार्ता का आयोजन “ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV)” से आम जनमानस को जागरूक करने के लिया किया गया।

इस पत्रकार वार्ता को आई.एम.ए. कानपुर की अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी, (प्रो.) डॉ. विकास मिश्रा , माइक्रोबायोलॉजी विभाग जी.एस.वी.एम. मेडिकल कॉलेज कानपुर एवं सचिव आई.एम.ए. कानपुर, डॉ. कुणाल सहाय उपाध्यक्ष, डॉ. राजीव कक्कड़ वरिष्ठ क्षय रोग विशेषज्ञ एवं डॉ दीपक श्रीवास्तव वित्त सचिव आई.एम.ए. कानपुर ने संबोधित किया।

विशेषज्ञों ने बताया कि, ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) कोई नया वायरस नहीं है, यह वायरस पहली बार नीदरलैंड (यूरोप) में 28 छोटे बच्चों के रेस्पेटरी सीक्रेशन्स में सन 2001 में पहली बार डिटेक्ट हुआ था।

ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस एक नेगेटिव सेंस, Single Standard RNA Virus है, जो कि फैमिली न्यूमोविरडी को बिलॉन्ग करता है, वर्ष 2022 के डेटा के अनुसार, यह दूसरा सबसे कॉमन वायरस है जो विंटर और स्प्रिंग सीजन में Acute Respiratory Tract Illness, Community में फैलाता है, मुख्यतः 5 वर्ष से छोटे बच्चों में, बुजुर्गों (65 वर्ष से ऊपर ) में, एवं Immunocompromised लोगों में ज्यादा इन्फेक्शन करता है।
ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस, कम्यूनिटी में मुख्यतः कामन कोल्ड (Upper Respiratory Tract Infection) करता है, किंतु प्रीमैच्योर नवजात बच्चों, 65 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों एवं इम्युनो कॉम्प्रोमाइज्ड व्यक्तियों में निमोनिया का रिस्क बढ़ जाता है, जिसकी वजह से इन लोगों को हॉस्पिटलाइजेशन की भी जरूरत पड़ सकती है।

ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस नाक एवं फेफड़ों के EPITHELIAL CELLS को इन्फेक्ट करता है जिसकी वजह से श्वांस तंत्र में Perivascular Infiltration एवं Inflammation करता है I
इंफेक्टेड मरीज के RESPIRATORY SECRETIONS के द्वारा, इस वायरस का संचार- एरोसॉल, ड्रॉपलेट एवं कॉन्टेक्ट ट्रांसमिशन के द्वारा होता है, जो कि मुख्यतः विंटर और स्प्रिंग सीजन में होता है।

HMPV के लक्षण वायरस से सम्पर्क में आने के 3 से 6 दिन में होते है जिसमें मुख्यतः बुखार , खांसी, नाक बहना, गले में खराश, थकान, सिरदर्द, एवं मांसपेशियों में दर्द होता है, जबकि गंभीर मरीजों में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ एवं निमोनिया के लक्षण आते हैं।

HMPV वायरस की रोकधाम के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरते:-

  1. भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाएं I
  2. पब्लिक प्लेसेस में मास्क पहन कर रखें I
  3. खांसने अथवा छींकने वालें व्यक्तियों से उचित दूरी बना कर रखें I
  4. अपने आंख, नाक, मुंह को बगैर हाथ धोए न छुएं I
  5. अक्सर छुई जाने वाली सतहों को नियमित सेनेटाइज करें I
  6. साबुन और पानी से नियमित हाथ धोएं I
  7. अन्य साफ सफाई बरतें I
  8. पौष्टिक आहार लें और बाहर की तथा ठंडी चीजों से परहेज करें I

इस वायरस का कोई स्पेसिफिक इलाज एवं बचाव हेतु वैक्सीन भी नहीं है।

संक्रमित होने पर अपने आप को आइसोलेट करें एवं लक्षण अनुसार इलाज किसी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से ही कराए और अपने शरीर को हाइड्रेट रखें।

आम जनमानस से अनुरोध है कि घबराएं नहीं यह वायरस सीजनल फ्लू की तरह ही होता है और 9 से 10 दिनों में ज्यादातर मरीज अपने आप ठीक हो जाते है।

इस Virus की Diagnosis के लिये, श्वास तंत्र के Secretions को RTPCR विधि से Confirm किया जा सकता है एवम अन्य विधि जैसे:- Electron Microcroscopy, Immunofluorescence Assay, Cell Culture इत्यादि से भी किया जा सकता है I

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