कश्यप सन्देश

18 December 2024

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विश्व प्रसिद्ध संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी

देश ही नहीं विश्व के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है,बनारस का संकटमोचन हनुमान मंदिर। इस मंदिर का इतिहास लगभग 400सौसालपुरानाहै। बताया जाता है कि संवत् 1631और1680 के बीच इस मंदिर का निर्माण हुआ। मंदिर की स्थापना गोस्वामी तुलसीदास जी ने कराई थी। मान्यता है कि जब तुलसीदास जी काशी में रह कर रामचरित मानस काव्य का लेखन कर रहे थे,तब उनके प्रेरणा स्रोत संकट मोचन हनुमान जी ही थे। इसी स्थान पर हनुमान जी ने रामभक्त गोस्वामी तुलसीदास जी को दर्शन दिए थे, ऐसा बताया जाता है कि तुलसीदास जी के निवेदन पर बजरंग बली हनुमान जी मिट्टी का स्वरूप धारण कर इसी स्थान पर स्थापित हो गए थे। उस समय इस मंदिर के चारों तरफ़ एक छोटा सा वन हुआ करता था। श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर में अब हनुमान जी की दिव्य प्रतिमा है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी कीमशयह प्रतिमा तुलसीदास जी के तप एवं पुण्य के फलस्वरूप प्रकट हुई थी।ऐसा प्रायः देखा जाता है कि जब भी हनुमान जी को मानने वाले किसी भक्त पर संकट आता है,तो हनुमान जी महाराज उस भक्त के संकट को दूर कर ते हैं। प्रति दिन उक्त मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते रहते हैं, विशेष कर मंगलवार और शनिवार को इस मंदिर में श्रद्धालुओं कीअपार भीड़ होती है। बड़े बड़े नेता और सेलिब्रिटी भी हनुमान जी महाराज के दर्शन करने आते हैं।एक बार तो अमिताभ बच्चन पर भी संकट आया था और उनकी क ई फ़िल्म और सीरियल फ्लाप जा रहे थे,तब उनके पिता जी जो उस समय जीवित थे,ने अमिताभ को बनारस जाकर संकट मोचन हनुमान जी मंदिर में दर्शन हेतु सलाह दिया था और जब अमिताभ बच्चन ने हनुमान जी के दर्शन किये तो वह आगे सफ़ल रहे और आज़ तक सफ़ल हैं। ऐसी ही महाराज हनुमान जी संकट मोचन की कृपा।इसके अलावा उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में बैठे हुए बाल‌रूप हनुमान जी, प्र नागराज जिलेमें लेटे हुए हनुमान जी, और सीता पुर जिले के‌ नैमिषारणय तीर्थ में खड़े हनुमान जी के‌ विग्रह अति प्राचीन, संकटमोचक और‌मंगल कामनाओं हेतु दर्शनीय है
इन पंक्तियों कै लेखक ने उक्त वर्णित विग्रहोंके दर्शन किये हैं । हनुमान जी के भक्तोंको‌‌ उक्त विग्रहों के दर्शन अवश्य करनें चाहिए।जय हनुमान जी महाराज।सौजन्य से, रामवृक्ष भूतपूर्व इंजीनियर वाराणसी

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