लेखक सौरव कुमार प्रदेश अध्यक्ष ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उ.प्र.
बलिया कश्यप सन्देश।जीवन भर की एकत्र कमाई को व्यय करने पर भी समय के एक पल को नहीं खरीदा जा सकता है। इस मानव जीवन का एक-एक क्षण बड़ा ही अमूल्य है इसलिए समय का दुरुपयोग करने से सदैव बचना चाहिए। समय निरंतर गतिशील एवं परिवर्तनशील है, प्रतिक्षण घट रहा है। यह आज है, कल नहीं और अभी है, फिर नहीं। समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं वह तो अमूल्य है।
समय किसी के साथ नहीं चलता, हमें ही इसके साथ चलना पड़ेगा। समय का सदुपयोग बुद्धिमत्ता है तो समय का दुरुपयोग बहुत बड़ी बुद्धिहीनता है। समय के महत्व को विशेष रूप से समझते हुए अपने जीवन को निरंतर सद् कार्यों में, शुभ कार्यों में एवं श्रेष्ठ कार्यों में लगाया जाये ताकि यह मानव जीवन सार्थक हो सके।