लिवर ख़राब होने की स्थिति में जीवन रक्षक है लिवर ट्रांसप्लांट। जंक फ़ूड, अत्यधिक शराब के सेवन व ख़राब लाइफस्टाइल के कारण बढ़ रही हैं लिवर की समस्यायें।आईएमए कानपुर व अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ द्वारा लीवर ट्रांसप्लांट और हेपेटोबिलरी रोगों तथा प्रोस्टेट समस्याओं पर सीएमई का किया गया आयोजनआईएमए कानपुर एवं अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से एक चिकित्सा संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ के विशेषज्ञों द्वारा लिवर ट्रांसप्लांट एवं प्रोस्टेट समस्याओं के निदान एवं इलाज सम्बंधित विषयों पर बात की गयी।डॉ आशीष मिश्रा – लिवर ट्रांसप्लांट व HPB सर्जरी विशषज्ञ अपोलो लखनऊ ने बताया,” लिवर ट्रांसप्लांट एक बहुत ही जटिल सर्जरी है लेकिन चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे विकास एवं अत्याधुनिक तकनीक के आने के वजह से अब यह सर्जरी बहुत सुरक्षित हो चुकी है और अधिकांश लिवर ट्रांसप्लांट में सफलता दर 90% से भी ज़्यादा है। अब ये सर्जरी छोटे चीरे द्वारा दूरबीन विधि से की जाती हैं जिस कारण सर्जरी के दौरान रक्तस्त्राव कम होता है और रोगी सर्जरी के पश्चात् जल्द अपनी दैनिक दिनचर्या में वापस आ सकता है।
कानपुर शहर के नगरवासियों के पेट और लिवर संबंधी समस्याओं को देखते हुए अब प्रत्येक महीने के दूसरे गुरुवार को वरिष्ठ लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर आशीष मिश्रा जी ने अब कानपुर शहर के सी एन गैस्ट्रो केयर में ओपीडी करने का निर्णय लिया ।डॉ मयंक मोहन अग्रवाल – हेड, यूरोलॉजी व किडनी ट्रांसप्लांट अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ ने प्रोस्टेट सम्बन्धी समस्याओं पर बात करते हुए बताया, “पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्याएं आम होती जा रही हैं। 50 वर्ष से ऊपर के अधिकांश पुरुषों में यह समस्या पायी जाती है। पहले इसका इलाज दूरबीन विधि द्वारा ही होता था परन्तु अब इस तरह की सर्जरी के लिए रोबोटिक तकनीक भी उपलब्ध है। रोबोट द्वारा सर्जरी अत्यंत सुरक्षित होती है जिस कारण ऐसे रोगी जिनकी उम्र बहुत ज़्यादा है या प्रोस्टेट की समस्या के साथ साथ डायबिटीज या ब्लड प्रेशर भी है तो ऐसे रोगी की सर्जरी भी सुरक्षित तरीके से बिना किसी जटिलता के की जा सकती है।
कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए आईएमए कानपुर की प्रेजिडेंट डॉ. नंदिनी रस्तोगी ने उपस्थित लोगों और वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने चिकित्सा ज्ञान और कौशल को बढ़ाने में ऐसे सीएमई कार्यक्रमों के महत्व पर जोर देते हुए कहा,”चिकित्सा क्षेत्र में हर रोज़ नयी तकनीक आ रही है। इस तरह की चिकित्सा संगोष्ठी के माधयम से उस तकनीक के बारे में जान्ने का और उस तकनीक की बारीकियों को समझने का अवसर मिलता है जो रोगी के साथ साथ डॉक्टर्स के लिए भी अत्यंत लाभदायक साबित हो सकता है।
आईएमए कानपुर सेक्रेटरी डॉ. विकास मिश्रा ने गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने और चिकित्सकों के बीच सहयोग विकास को बढ़ावा देने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। आईएमए कानपुर के चेयरमैन डॉ. ए. सी. अग्रवाल ने सीएमई की सफलता की सराहना की और चिकित्सा समुदाय के ज्ञान के आधार को समृद्ध करने में वक्ताओं के महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनका धन्यवाद किया।
सीएमई में कानपुर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में अग्रणी डॉक्टर शामिल हुए।