कश्यप सन्देश

18 October 2024

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माँ कहती थी आ जाये जब जीवन का अंतिम पल, मुख मे तुलसी दल रख देना, कुछ थोड़ा सा गंगा जल

कानपुर. अक्टूबर 11,2024. ‌विगत दिवस माँ चंद्रिका देवी मंदिर परिसर मे आयोजित काव्योत्सव मे रचनाकारों ने माँ, बेटी, राष्ट्र प्रेम, भक्ति प्रधान एवं हास्य-व्यंग्य रचनाएं प्रस्तुत कर कविता के विविध रंग बिखेरे. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि ओम प्रकाश शुक्ल “अमिय” ने तथा संचालन कवि अशोक शास्त्री ने किया. ‌कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना से हुआ. ‌तत्पश्चात सुप्रसिद्ध कवयित्री सुषमा सिंह ने अपनी रचना “अबकी भीग गया है रावण कैसे उसे जलायेंगे” प्रस्तुत कर वाह-वाही लूटी. ‌कवि अशोक शास्त्री ने ” माँ ” पर अपनी रचना “माँ कहती थी आ जाये जब जीवन का अंतिम पल, मुख मे तुलसी दल रख देना कुछ थोड़ा सा गंगा जल ” प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं. कवि संजीव मिश्र ने अपनी रचना ” सिंहासन पर चरण पादुका रख कर जिसने राज किया, भरत के जैसा भाई कहाँ अब, ढूँढो लेकर हाथ दिया ” ‌पढ़ कर वातावरण को संवेदनशील बना दिया. कवि ओम प्रकाश शुक्ल “अमिय” ने कन्या भ्रूण हत्या पर मर्म स्पर्शी रचना पढी. ‌कवि नवीन मणि त्रिपाठी, जावेद गोंडवी, राज कुमार सचान, राकेश फक्कड़ ने कविता की इस धारा को आगे बढाया. आगंतुकों का स्वागत रजत मिश्र ने किया. ‌इस अवसर पर किशन चंद्र गांधी, अनिल दीक्षित, राकेश शुक्ल, निर्मल मिश्र एव क्षेत्रीय गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे. ‌आभार देवेंद्र गांधी ने व्यक्त किया.

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