भारत के लिए आज़ादी का वरदान है गांधी,
सच पूछो तो इस देश की पहचान है गांधी।
बंदूक से ज्यादा दहशत थी,कमजोर सी दिखती लाठी में,
फौलाद से ज्यादा ताकत थी,उस दुबली-पतली काठी में।
सत्य, अहिंसा, न्याय, धर्म की शान है गांधी,
सच पूछो तो इस देश की पहचान है गांधी।
ना पद की चिंता, चाह करी,ना वैभव का व्यापार किया,
शोषित, पीड़ित, निर्धन, दलित,मानवता से ही प्यार किया।
सेवा, समता, शांति, प्रेम का ज्ञान है गांधी,
सच पूछो तो इस देश की पहचान है गांधी।
खुशहाल हो हर भारतवासी,ना जाति धर्म के दंगे हो,
ना हो लाचार बेकारी,बच्चे भी ना भूखे नंगे हो।
कर रहा मौन होकर भी,यह ऐलान गांधी है,
सच पूछो तो इस देश की पहचान गांधी है।
आओ मिलकर निर्माण करें,गांधी के सपनों का भारत,
जहां भाईचारा ही पनपे,मिट जाए द्वेष नफरत।
जिसे मृत्यु भी नहीं मिटा पाई,वह प्राण है गांधी,
सच पूछो तो इस भारत देश की पहचान है गांधी।