कश्यप सन्देश

24 December 2024

ट्रेंडिंग

बाबू बलदेव सिंह गौड़ का समाज के प्रति संदेश

झारखंड आंदोलन के प्रणेता: बिनोद बिहारी महतो: प्रभु दयाल निषाद: प्रमुख,गुजरात, कश्यप संदेश

बिनोद बिहारी महतो, जिन्हें बाबू के नाम से जाना जाता है, झारखंड आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे। उनका जीवन संघर्ष, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के प्रति समर्पण का प्रतीक है। 23 सितंबर 1923 को धनबाद जिले के बड़ादाहा गांव में जन्मे बिनोद बिहारी महतो का प्रारंभिक जीवन कठिनाइयों से भरा था। उनके पिता माहिंदी महतो और माता मंदाकिनी देवी थे। उन्होंने 1941 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी। परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उन्होंने धनबाद कोर्ट में दैनिक मजदूर के रूप में काम शुरू किया और बाद में समाहरणालय के आपूर्ति विभाग में किरानी की नौकरी प्राप्त की।

महतो का दृढ़ निश्चय था कि शिक्षा ही समाज में बदलाव लाने का सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और पीके राय कॉलेज से इंटरमीडिएट की शिक्षा पूरी की, फिर रांची विश्वविद्यालय से स्नातक किया। वह आजीवन शिक्षा के प्रति समर्पित रहे और गांव-गांव में स्कूल और कॉलेज की स्थापना की। उन्होंने अपने जीवन में कई शिक्षण संस्थानों की नींव रखी, जो आज भी शिक्षा की रोशनी फैला रहे हैं।

राजनीति में उनकी यात्रा 1980 में शुरू हुई जब उन्होंने टुंडी सीट से जीत हासिल कर विधायक बने। इसके बाद उन्होंने 1985 में सिंदरी और 1990 में फिर से टुंडी से चुनाव जीते। 1991 में गिरिडीह संसदीय क्षेत्र से सांसद बने। वह न केवल एक राजनीतिज्ञ थे बल्कि समाज के प्रति उनके विचार और योगदान उन्हें एक महान नेता बनाते हैं। उनका प्रसिद्ध नारा, “पढ़ो, लड़ो और आगे बढ़ो,” आज भी समाज को प्रेरित करता है।

18 दिसंबर 1991 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी शिक्षाएं और आदर्श आज भी हमारे नायक के रूप में जीवित हैं। कश्यप संदेश परिवार उनके जन्मदिन पर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top