फतेहपुर जिले के पत्रकार पंकज कश्यप, जो महमदपुर ललौली गाँव से ताल्लुक रखते हैं, ने हाल ही में एक विवाद पर समाचार लिखा था। इस समाचार में भाजपा विधायक विकास गुप्ता और पूर्व मंत्री अयोध्या पाल का नाम शामिल था। इस विवाद के बाद, पत्रकार के घर पर कुछ अज्ञात लोग पहुँचे और गाली-गलौज के साथ पत्रकार और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
घटना के समय पत्रकार पंकज कश्यप घर पर मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके भाई द्वारा पूछताछ करने पर उन व्यक्तियों ने खुद को क्राइम ब्रांच से होना बताया और पत्रकार के भाई को भी उठाकर ले जाने की धमकी दी। इस घटना के बाद, पंकज कश्यप ने तत्काल इसकी सूचना थाना ललौली में दी।
पत्रकार और उनका परिवार इस घटना से भयभीत हैं और किसी अनहोनी की आशंका से डरा हुआ है। खबर लिखे जाने तक न तो इस घटना की पुलिस में कोई रिपोर्ट दर्ज हुई थी और न ही विधायक की तरफ से कोई स्पष्टीकरण आया था। सवाल यह उठता है कि ऐसे लोग कौन हैं जो आज के समय में भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, पत्रकारिता, की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रहे हैं?
इस तरह की घटनाएं न केवल पत्रकारों की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि लोकतांत्रिक समाज में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं।