कश्यप सन्देश

माननीय शोभाराम कश्यप: बुन्देलखण्ड के पर्यावरण योद्धा और समाज सेवी: संतोष रायकवार की क़लम से

माननीय शोभाराम कश्यप, बांदा जिले के एक प्रतिष्ठित समाजसेवी और पर्यावरणविद् हैं। उनका जीवन समाज और पर्यावरण की सेवा में समर्पित है। वे राष्ट्रीय तिरंगा वितरण समिति, पक्षी बचाव अभियान, और राष्ट्रीय वृक्षारोपण कार्यक्रम के संयोजक हैं। उन्होंने न केवल बांदा में, बल्कि पूरे बुन्देलखण्ड में समाज की स्थिति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी माताजी स्व. श्रीमती कमला देवी कश्यप भी निर्वाचित पार्षद रह चुकी हैं, जिससे सामाजिक सेवा उनके परिवार का अभिन्न हिस्सा है।

सन 1992 की बाढ़ में वीरता:

सन 1992 में, जब बांदा में भीषण बाढ़ आई, तो माननीय शोभाराम कश्यप ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया। उन्होंने 1100 लोगों की जान बचाई और जनपद बांदा में सबसे अधिक लोगों को सुरक्षित करने का श्रेय प्राप्त किया। इस अद्वितीय कार्य के लिए उन्हें वर्तमान जिलाधिकारी डॉ. शंकर दत्त ओझा द्वारा आल यूपी लाइसेंस और एक बंदूक तथा दस हजार रुपए के चेक के साथ सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय तिरंगा वितरण समिति:

उन्नीस सौ बानबे से लेकर आज तक, शोभाराम कश्यप ने 4200 से अधिक लकड़ी के स्वनिर्मित राष्ट्रीय ध्वज जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, समाज के गणमान्य नागरिकों और छात्रों को निशुल्क वितरित किए हैं। उनका यह प्रयास समाज में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए अद्वितीय है।

राष्ट्रीय वृक्षारोपण कार्यक्रम:

प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त से दीपावली तक, शोभाराम कश्यप द्वारा दस फुट तक के फलदार और छाया वाले भारतीय पौधों का निशुल्क वितरण और रोपण किया जाता है। उनका यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होता है, बल्कि समाज में वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता भी बढ़ती है।

पक्षी बचाव अभियान:

सन 2010 से, शोभाराम कश्यप ने पक्षियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत, लकड़ी के स्वनिर्मित घोंसले और पानी के पात्र शासन प्रशासन एवं समाज के गणमान्य लोगों के द्वारा पेड़ों पर निःशुल्क लगवाए जाते हैं। अब तक 12,000 से अधिक स्थानों पर घोंसले और पानी के पात्र लगाए जा चुके हैं। इस अभियान के परिणामस्वरूप, प्रत्येक वर्ष लगभग 1500 घोंसलों में चिड़ियाँ आवास बनाती हैं और बच्चे रखती हैं।

सम्मान और पुरस्कार:

शोभाराम कश्यप के इन प्रयासों से प्रभावित होकर 132 आई ए एस, पी सी एस, आई पी एस, और आई एफ एस अधिकारियों ने उन्हें प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। उनकी सेवाओं के कारण उन्हें महामहिम राज्यपाल से मनोनीत पार्षद के रूप में भी सम्मानित किया गया है।

माननीय शोभाराम कश्यप न केवल बुन्देलखण्ड के बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी सामाजिक और पर्यावरणीय सेवाएं समाज के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उनकी अथक मेहनत और समर्पण ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top