आरक्षण को 9वींअनुसूची में डाला जाए- रामनारायण निषाद
कानपुर नगर से बहुजन समाज पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने आरक्षण के उप वर्गीकरण को समाप्त करने की उठाई मांग जिसमें हजारों कार्यकर्ताओं ने भारत बंद कर विरोध प्रदर्शन किया । रानारायन निषाद ने मांग कि है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 1 अगस्त 2024 “आरक्षण में उपवर्गीकरण एवं क्रिमिलेयर लागू करने के आदेश को तत्काल अध्यादेश लाकर समाप्त कर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातीय वर्ग में अपने भविष्य के लिए भयभीत स्थिति से बचाने बावत आरक्षण विषय को 9वीं अनुसूची में डाला जाए।
महामहिम, सर्वविधित है कि मा. सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण में उप-वर्गीकरण करने एवं क्रिमिलयर लगाने अगत 2024 को SC/ST वर्गों के सम्बन्धी आदेश दिया था जिससे MOST वर्ग के करोड़ो लोगों के संवैधानिक अधिकार खत्तरे में पड़ गए है। SC/ST वर्गों को संविधान के अनुच्छेद 15 (4) एवं 16 (4) में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ेपन के लिए आरक्षण (प्रतिनिधित्व) देने की व्यवस्था की गई है, न कि आर्थिक आधार पर। मा सुप्रीम कोर्ट ने इन वर्गों के आरक्षण में क्रिमिलियर लगाने एवं उपवर्गीकरण करने का अधिकार राज्य सरकारों को दे दिया है जबकि अनुच्छेद 341 एवं 342 के तहत किसी जाति उपजाति को SC/ST वर्ग की सूची में जोड़कर आरक्षण के दायरे में लाने या आरक्षण के दायरे से बाहर करने का अधिकार महामहिम राष्ट्रपति महोदय/केंद्र सरकार को है। न कि राज्य सरकार को वर्तमान में कुछ प्रदेश निश्चित ही इस आदेश के अनुसार अपनी अपनी तैयारी में लग गये होंगे जैसा की अनुसूचित जाति जनजातिय वर्ग के देश के हर राज्यों एवं केंद्र के खाली पड़े लाखों बैकलॉग पदों से नियत समझ आ रही है। और वैसे भी मा. सुप्रीम कोर्ट का उक्त निर्णय SC/ST वर्ग के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ होकर पूर्णतः गैर- संवैधानिक है।