कश्यप सन्देश

kashyap-sandesh
8 September 2024

ट्रेंडिंग

आगरा में एटौरा देवी मेले का आयोजन 11 और 12 सितंबर को, निषाद कश्यप समाज के लिए गौरवशाली परंपरा
दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में आदिवासी कहार कश्यप निषाद भाई के 151 सामाजिक संगठनों के 25 राज्यों के प्रतिनिधियों ने एक जुटता दिखाई
मल्लाह जाति: अपराधी जनजातियों का कलंक और पहचान की तलाश: मनोज कुमार मछवारा की कलम से
राष्ट्रीय सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन मेंआदिवासी कश्यप कहार निषाद समुदाय की एकजुटता पर जोर
समतामूलक और भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र की परिकल्पना: सर्वेश कुमार "फिशर" की कलम से
राजनीति का परिदृश्य: राम सिंह "राम" कश्यप की कलम से
विजय निषाद को निषाद पार्टी द्वारा चित्रकूट मंडल का कोऑर्डिनेटर बनाए जाने पर कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर
दिल्ली चलो: 5 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में होगा राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन

एकादशी व्रत की महिमा और महत्वपूर्ण जानकारियाँ :भाग- 2

ए. के. चौधरी की कलम से

एकादशी व्रत स्वयं में अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली माना गया है। यह व्रत सभी प्रकार के पापों को नष्ट करने और भविष्य में आने वाली कठिनाइयों को कम करने में सहायक होता है। हममें से कई लोग जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करते हैं, जैसे संतान सुख से वंचित होना, अत्यधिक गरीबी में जीवन जीना, या अपने किए गए कार्यों में सफल न हो पाना। ये समस्याएँ अक्सर हमारे पिछले जन्म के कर्मों का परिणाम होती हैं। यदि किसी ने किसी अन्य का अधिकार छीन लिया हो, किसी को मारकर या छल से उसका हक छीन लिया हो, तो वह व्यक्ति अगले जन्म में हमारे जीवन में संकट बनकर आता है। इसी प्रकार, परस्त्री गमन, भ्रूण हत्या आदि जैसे पापों के कारण मनुष्य को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्ट झेलने पड़ते हैं।

जब कोई व्यक्ति बार-बार मंदिर जाता है, दान करता है, और फिर भी उसे जीवन में सुख नहीं मिल पाता, तो वह भगवान को दोष देने लगता है। ऐसे समय में मन को एकाग्र करके एकादशी का व्रत करना चाहिए, ताकि जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सके। यदि आप अत्यधिक कष्ट में हैं, तो कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की दोनों एकादशी का व्रत करें। तन, मन, और धन से समर्पित होकर व्रत करने से धीरे-धीरे जीवन में परिवर्तन आने लगेगा, और आप स्वयं इसका अनुभव करेंगे।

भगवान श्री हरि विष्णु को प्रसन्न करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका एकादशी व्रत ही है। यह व्रत, यदि पूरी श्रद्धा और निष्ठा से किया जाए, तो जीवन में अद्भुत परिणाम देखने को मिलते हैं। मैं स्वयं इस व्रत को लगातार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में निर्जला रहकर करता हूं। 20 महीनों से मैंने यह व्रत किया है, कभी-कभी आवश्यकता पड़ने पर जल का सेवन किया, लेकिन व्रत की महिमा को समझते हुए इसे पूर्ण निष्ठा से निभाया है।

2024 में आने वाली एकादशी व्रत तिथियाँ: सफला एकादशी, पौष पुत्रदा एकादशी, षट्तिला एकादशी, जया एकादशी, विजया एकादशी, आमलकी एकादशी, पापमोचनी एकादशी, कामदा एकादशी, वरुथिनी एकादशी, मोहिनी एकादशी, अपरा एकादशी, निर्जला एकादशी, योगिनी एकादशी, देवशयनी एकादशी, कामिका एकादशी, श्रावण पुत्रदा एकादशी, अजा एकादशी, परिवर्तनी एकादशी, इंदिरा एकादशी, पापांकुशा एकादशी, रमा एकादशी, देवउठनी एकादशी, उत्पन्ना एकादशी, मोक्षदा एकादशी, सफला एकादशी आदि।

अधिकतर महीने में दो एकादशी आती हैं, लेकिन कभी-कभी एक महीने में तीन एकादशी भी हो जाती हैं। उदाहरण के लिए, जुलाई 2024 में 2 जुलाई को योगिनी एकादशी, 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी, और 31 जुलाई को कामिका एकादशी सम्पन्न हुई है।

एकादशी व्रत की महिमा तब समझ में आती है जब आप प्रत्येक एकादशी के महत्व को जानेंगे। इसके महत्व को जानना आवश्यक है, और यूट्यूब पर भी इसके बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकती है। इससे पता चलेगा कि कौन-कौन से पाप किस एकादशी से समाप्त होते हैं। व्रत के नियम भी यूट्यूब पर मिल सकते हैं, लेकिन मैं आपको सरल तरीके से यह जानकारी दूंगा।

अगले अंक में…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top