पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कोलकाता उच्च न्यायालय में मानहानि का मामला दायर किया है। ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में टिप्पणी की थी कि महिलाएं कोलकाता के राजभवन जाने से डरती हैं।
राज्यपाल बोस ने मानहानि का मामला दर्ज करने से पहले सीएम ममता बनर्जी की आलोचना की और कहा कि सार्वजनिक प्रतिनिधियों से अपेक्षा की जाती है कि वे गलत और अपमानजनक छाप न छोड़ें। उन्होंने बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ भी इसी तरह के बयान देने पर मानहानि के मामले दर्ज किए हैं।
यह विवाद तब सामने आया जब 2 मई को राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की। इस घटना के बाद से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राज्यपाल बोस ने ममता बनर्जी के बयानों को झूठा और अपमानजनक बताते हुए कहा कि ऐसे आरोपों का कोई आधार नहीं है और यह केवल उनके प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास है।
तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री का समर्थन किया है और राज्यपाल के कदम की निंदा की है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस विवाद को लेकर राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोला है, इसे लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ बताया है।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह कानूनी लड़ाई किस दिशा में आगे बढ़ती है और इसके राजनीतिक परिणाम क्या होते हैं।