नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने आज बताया कि जनवरी 2023 से मई 2024 के बीच वैश्विक स्तर पर 12 करोड़ लोग जबरन विस्थापित स्थिति में रह रहे थे। यह नया आंकड़ा संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) की ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट में सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के अंत तक लगभग 11.73 करोड़ लोग जबरन विस्थापित थे, जिन्हें उत्पीड़न, संघर्ष, हिंसा, मानवाधिकारों का उल्लंघन और सार्वजनिक व्यवस्था को गंभीर रूप से बाधित करने वाली घटनाओं के कारण अपने घरों से भागना पड़ा।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने पत्रकारों को बताया कि संघर्ष बड़े पैमाने पर विस्थापन का एक महत्वपूर्ण कारण बना हुआ है। जिन देशों में संघर्ष और हिंसा के कारण लोगों को अन्यत्र सुरक्षा की तलाश करनी पड़ी, उनमें म्यांमार, अफगानिस्तान, यूक्रेन, फिलिस्तीन, कांगो, सोमालिया, हैती, सीरिया और आर्मेनिया शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जबरन विस्थापन की यह संख्या पिछले सभी रिकॉर्ड को पार कर चुकी है और वैश्विक स्तर पर एक गंभीर चिंता का विषय है। फिलिपो ग्रांडी ने कहा, “संघर्ष और हिंसा के कारण लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं, और यह प्रवृत्ति जारी रहना दुखद है।”
संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि वैश्विक समुदाय को इस मुद्दे पर ध्यान देने और संघर्षों को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जबरन विस्थापित लोगों की बढ़ती संख्या एक गंभीर मानवीय संकट का संकेत है, जिसे तत्काल संबोधित करना आवश्यक है।
इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जागरूक करना और उन नीतियों को लागू करने के लिए प्रेरित करना है, जो इन विस्थापित लोगों को राहत और पुनर्वास प्रदान कर सकें।