मंगलवार, 07 जून 2015 को इटावा के बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र अखिलेश कुमार निषाद रविवार को मगहर में आरक्षण की मांग कर रहे निषाद समुदाय के लोगों को रेलवे ट्रैक से हटाने के दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच संघर्ष हो गया था। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके परिणामस्वरूप इटावा के अखिलेश कुमार निषाद और गणेश सिंह निषाद को गोली लग गई। अखिलेश की मौत हो गई, जबकि गणेश घायल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और पुलिस द्वारा हवाई फायरिंग की बात कही गई है। सोमवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचे अखिलेश के साथियों ने आरोप लगाया कि एक अधिकारी के बगल में खड़े वर्दीधारी ने पिस्टल से गोली चलाई थी, जिससे अखिलेश और गणेश को गोली लगी।
अखिलेश, अपने माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी था। वह गांव के वीर एकलव्य विद्या मंदिर नामक स्कूल में बच्चों को पढ़ाता था। इटावा के बकेवर क्षेत्र के मड़िया दिलीप नगर निवासी आत्माराम निषाद का इकलौता बेटा था। अखिलेश की मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। उसके चचेरे भाई अमृत कुमार ने कहा, “अखिलेश की हंसी हमेशा याद रहेगी।”
आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन में शामिल होने के लिए अखिलेश और गांव के 14 लोग गोरखपुर पहुंचे थे, जहां यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। अखिलेश की मृत्यु ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
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