कश्यप सन्देश

kashyap-sandesh
8 September 2024

ट्रेंडिंग

आगरा में एटौरा देवी मेले का आयोजन 11 और 12 सितंबर को, निषाद कश्यप समाज के लिए गौरवशाली परंपरा
मल्लाह जाति: अपराधी जनजातियों का कलंक और पहचान की तलाश: मनोज कुमार मछवारा की कलम से
राष्ट्रीय सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन मेंआदिवासी कश्यप कहार निषाद समुदाय की एकजुटता पर जोर
समतामूलक और भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र की परिकल्पना: सर्वेश कुमार "फिशर" की कलम से
राजनीति का परिदृश्य: राम सिंह "राम" कश्यप की कलम से
विजय निषाद को निषाद पार्टी द्वारा चित्रकूट मंडल का कोऑर्डिनेटर बनाए जाने पर कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर
दिल्ली चलो: 5 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में होगा राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन

आरक्षण आंदोलन के दौरान पुलिस-प्रदर्शनकारी संघर्ष में अखिलेश निषाद की मौत

मंगलवार, 07 जून 2015 को इटावा के बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र अखिलेश कुमार निषाद रविवार को मगहर में आरक्षण की मांग कर रहे निषाद समुदाय के लोगों को रेलवे ट्रैक से हटाने के दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच संघर्ष हो गया था। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके परिणामस्वरूप इटावा के अखिलेश कुमार निषाद और गणेश सिंह निषाद को गोली लग गई। अखिलेश की मौत हो गई, जबकि गणेश घायल हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और पुलिस द्वारा हवाई फायरिंग की बात कही गई है। सोमवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचे अखिलेश के साथियों ने आरोप लगाया कि एक अधिकारी के बगल में खड़े वर्दीधारी ने पिस्टल से गोली चलाई थी, जिससे अखिलेश और गणेश को गोली लगी।

अखिलेश, अपने माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी था। वह गांव के वीर एकलव्य विद्या मंदिर नामक स्कूल में बच्चों को पढ़ाता था। इटावा के बकेवर क्षेत्र के मड़िया दिलीप नगर निवासी आत्माराम निषाद का इकलौता बेटा था। अखिलेश की मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। उसके चचेरे भाई अमृत कुमार ने कहा, “अखिलेश की हंसी हमेशा याद रहेगी।”

आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन में शामिल होने के लिए अखिलेश और गांव के 14 लोग गोरखपुर पहुंचे थे, जहां यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। अखिलेश की मृत्यु ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।

4o

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top