कश्यप सन्देश

भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने पहली बार बोइंग स्टारलाइनर के मानव मिशन में उड़ान भरी

भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने इतिहास रचते हुए पहली बार बोइंग स्टारलाइनर के मानव मिशन में उड़ान भरी है। 59 वर्षीय सुनीता विलियम्स ने नई मानव-रेटेड स्पेसक्राफ्ट के पहले मिशन में उड़ान भरने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रचा है।

यह दल कल यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (ULA) के एटलस V रॉकेट पर सवार होकर फ्लोरिडा के केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स-41 से लॉन्च किया गया। इस उड़ान में कई वर्षों की देरी के बाद सफलता मिली है।

पहला मानव मिशन 7 मई को निर्धारित किया गया था, लेकिन हीलियम लीक और बाद में ULA में ग्राउंड पावर सप्लाई में समस्या के कारण देरी हुई। यह तीसरा प्रयास था और मौसम 90 प्रतिशत अनुकूल था।

61 वर्षीय बुच विलमोर इस उड़ान के कमांडर थे, जबकि सुनीता विलियम्स इस उड़ान की पायलट थीं। यह जोड़ी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर लगभग एक सप्ताह तक रहेगी, इसके बाद वे पुन: प्रयोज्य क्रू कैप्सूल के जरिए पृथ्वी पर वापस आएंगे।

स्टारलाइनर मिशन का उद्देश्य भविष्य के नासा मिशनों के लिए निम्न पृथ्वी कक्षा और उससे आगे के अंतरिक्ष यात्रियों और कार्गो को ले जाना है। इस मिशन के सफल होने के बाद भविष्य में और भी अंतरिक्ष यात्रियों को कम समय में और सुरक्षित तरीके से अंतरिक्ष में भेजा जा सकेगा।

सुनीता विलियम्स की इस ऐतिहासिक उड़ान ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है और भारतीय समुदाय को गर्व से भर दिया है।

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