लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर विभाग ने एक रिकॉर्ड 1,100 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह आंकड़ा 2019 के आम चुनावों के दौरान जब्त किए गए 390 करोड़ रुपये की तुलना में 182 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
इस बार की जब्ती में सबसे अधिक नकदी और आभूषण बड़े राजनेताओं, व्यापारियों और प्रभावशाली व्यक्तियों के ठिकानों से बरामद की गई है। आयकर विभाग की टीमों ने कई राज्यों में छापेमारी की, जिनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन छापों के दौरान विभाग ने बड़ी मात्रा में अघोषित संपत्ति का पता लगाया, जिसे चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।
आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बार की कार्रवाई को और भी सख्त और संगठित तरीके से अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा, “हमने तकनीकी साधनों और खुफिया जानकारी का उपयोग कर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी और समय पर कार्रवाई की।”
इस भारी मात्रा में जब्ती ने चुनावों में काले धन के उपयोग पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है। चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए और भी कठोर कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने में मदद मिलेगी।
इस घटनाक्रम ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए एक कड़ा संदेश दिया है कि चुनावों के दौरान काले धन का उपयोग सहन नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।