इस्लामाबाद, 29 मई 2024 – पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक अहम खुलासा करते हुए स्वीकार किया है कि पाकिस्तान ने 1999 में भारत के साथ समझौते का उल्लंघन किया था। यह खुलासा उन्होंने कल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) की आम सभा की बैठक में किया, जहां उन्हें पार्टी का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया।
शरीफ ने बैठक में बताया कि तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 21 फरवरी 1999 को लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता को बढ़ाना था। लाहौर घोषणा के तहत, भारत और पाकिस्तान ने अपने मतभेदों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल करने का संकल्प लिया था।
हालांकि, नवाज शरीफ ने यह स्वीकार किया कि समझौते के कुछ ही महीनों बाद, पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ की, जिससे कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई। शरीफ ने यह भी कहा कि यह कदम लाहौर घोषणा के मूल उद्देश्य के खिलाफ था और इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।
बैठक में शरीफ को पाकिस्तान मुस्लिम लीग का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया, जिससे उनकी पार्टी में उनकी स्थिति और मजबूत हो गई। शरीफ का यह स्वीकारोक्ति और पार्टी में उनकी पुनः नियुक्ति, पाकिस्तान की राजनीति में महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं।
नवाज शरीफ का यह बयान दोनों देशों के बीच के घटनाक्रमों को नए सिरे से देखने का एक अवसर प्रदान करता है। शरीफ ने अपने बयान में भविष्य में शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की और दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
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