कश्यप सन्देश

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8 September 2024

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अग्रलेख

प्रिय पाठक बंधु।

प्रधान संपादक आर.सी.निषाद (साहनी)

15 वर्षों की पत्रकारिता का सच
15 वर्षों की संकल्पित एवं समर्पित यात्रा केदौरान तमाम झंझावतों एवं पड़ावों को पार करते महर्षि कश्यप एवं निषाद राज गुह की संतानों ने आज सफलताके उच्च सोपान को छूते हुए अपने उद्देश्यों को पूरा करते निरंतर विकास की गति में कश्यप संदेश का प्रथम संस्करण के
प्रकाशन मेंआवाज आपकी बन देश के घर घर में पहुंचने का सुभारंभ आपकेही सहयोग से हो गया है।
कश्यप संदेश का शुभारंभ 5 अप्रैल 2023 को हृदय की गहराइयों के मनोभावों में विचार उत्पन्न हुआ।और
11 दिसंबर 2023 दिन सोमवार कोऔद्योगिक नगरी की पावन धरती कानपुर नगर
से एक छोटे रोपित पौधे के रुप में हुआ। आज वह कानपुर नगर से लखनऊ इलाहाबाद आजमगढ़ फैजाबाद व बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी सेबाबा गोरख नाथ गोरखपुर इटावा होते हुई नई दिल्ली हरिद्वार बिहार महाराष्ट्र दिल्ली उत्तर प्रदेश पाँच अन्य राज्यों सहित पूरे देश के गांव शहर में आप सभी के सहयोग के साथ एक विशाल वट वृक्ष के रूप में स्थापित होने के साथ सफलता की ऊंचाइयों को छूने मेंअग्रसरहै।
विगत 15 वर्षों की अपनी कलम यात्रा में मैंने एक साधक की रुपमें साधना करते हुई उपरोक्त संस्करणके माध्यम से साध्य करने के लिए अपनी निष्ठावान सहयोगियों के साथ निरंतर सतत प्रयत्नशील हूं ।
आज भी जब इस समाचार पत्रों के अतित के आइने में देखता हूं तो अपने समाज के उन साथियों का निश्चल चेहरा सामने आता है तथाकथित पीत पत्रकारों को,भू माफियाओं द्वारा राजनीतिक हत्याएं एक योजनाबद्ध तरीके से कराई जाती हैं। समाज में फैली नशाखोरी शिक्षा के अभाव में जीवन यापनकरते दुर्दशा दिखते हुए उस विकास की गति की ओर ले जाने के निमित संस्थापक एवं समाजसेवी श्री मनोज निषाद ने पीत पत्रकारिता और भ्रष्टतंत्र के खिलाफ पूरी शिद्दत के साथ लड़ने की लिए मां सरस्वती को नमन करते हुए उन्होंने कलमके सिपाही के रूप में पूरा जीवन समर्पित करने का संकल्प लियाऔर अपने उद्देश्यों को मूर्त रूप देने के लिए ही मनोज निषाद पत्रकारिता को एक मिशन के रूप में लिया है।

अपनी गत वर्षो की पत्रकारिता के जीवन में तमाम खट्टी मीठी अनुभूतियों को सहेजते हुए आज भी नई ऊर्जा के साथ कुछ नया सीखने करने की ललक लिए निरंतर साधना रत हूं । प्रमुखरूप सेजंगल पार्टी का सफाया राजनीति में अपराधिकरण सरकारीठेके पर माफियाओं के वर्चस्व को रोकने सरकारी विभागों में फर्जी न्यूक्ति को रोकने, वन व भू माफियाओं द्वारा आम आदमी के शोषण का विरोध, पीत पत्रकारों के काले कारनामाें को उजागर करने, फाइनेंस कंपनी द्वारा निरीह निवेशकों का अरब रुपए हड़पने का विरोध व
समाज में फैले भ्रष्टाचार व्यभिचार अनाचार दुराचार व शोषण का विरोध, शिक्षित बेरोजगारों के हक की लड़ाई गांव सड़क मार्ग खेल मैदान किसानों कीसमस्या बीज खाद उर्वरक बिजली पानी जैसे अनेक ज्वलंत मुद्दों पर मैंने इन वर्षों के दौरान बड़ी ही बेबाकी से पूरी इमानदारी व सच्चाई के साथ अपनी आवाज व विचार को कलम के माध्यम से जनमानस के साथ साथ सत्ता तक पहुंचाई। अपनी कलम की इस यात्रा के दौरान कई बार मुझे आर्थिक तंगी वह परिवारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।दूसरी तरफ समाज में फैली कुरीतियों व काले कारनामों को उजागर करने पर अपराधियों की धमकियोंका शिकार होना पड़ा राजनीति के अपराधीकरणव भ्रष्टाचार सहित प्रशासन के खिलाफ सच उजागर करने पर भारी यातनाओं का सामना करना पड़ा। परंतु भ्रष्टाचार दुराचार अत्याचार के खिलाफ कलम के माध्यम से मुहिम चलाने पर अडिग रहा।

वर्तमान में भौतिकतावाद धनवाद और आधुनिकता के साथ साथ सूचना और प्रोद्योगिकी के इस युग में प्रिंट मीडिया अपने सर्वजन हिताय सर्वजन जन सुखाए के मूल उद्देश्य से भटकर एक उत्पाद व औद्योगिक घराने के रूप में अपने आप को स्थापित कर रहा है।कुछ घराने तमाम लुभाने
उपहार देकर अपने प्रसार व विज्ञापन को बड़ाने का प्रयास कर रहे हैं साथ ही साथ एक मीडिया ग्रुप दूसरे मीडिया ग्रुप को नीचा दिखाने के लिए तमाम तरह के हाथकंडो का इस्तमाल कर रहे हैं जो गलत हे। यही कारण है कि मीडिया में आज विदेशी पूंजी निवेश अपनी जड़े गहराई तक जमा चुका है। यह भारतीय संस्कार संस्कृति साहित्य रचनाधर्मता पर कुप्रभाव डालते हुए धरातल की ओर ले जा रही
हैं।
कश्यप संदेश का यह प्रथम संस्करण इस समय निर्वराध गति से अपने पाठकों केबीच पहुंच रहा है और न्यायपालिका कार्यपालिका वह विधायिका से जनमानस के बीच आवाज आपकी बन सेतु का काम करते हुए सच देखकर सच सुनकर सच ही लिखता है ।हमें जहां हमारे प्रिय साथियों काप्रारंभिक दौर में सानिध्य व सहयोग मिलता रहा है उसी प्रकार कश्यप संदेश प्रकाशन में भी संदेश लेख विचार सुझावएवं पत्रकार वपाठक के रूप में मील रहा है जिसका जिक्र अगले माह केचौथे अंक में किए जायेगें।

हिम्मत से सच बात कहूं बुरा मानते हैं लोग!
रो-रो के बात करने की आदत नहीं मेरी!!
सच बोलने का हश्र हमें है मालूम!
हम हैं तैयार सूली पर चढ़ाओं
यारों।।
आर.सी.निषाद (साहनी)
समूह संपादक
कश्यप सन्देश साप्ताहिक समाचार पत्र समूह

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