कश्यप सन्देश

22 December 2024

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विचार दर्शन: महारास: परमात्मा से मिलन की स्थिति: राम सिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से

विचार दर्शन: महारास: परमात्मा से मिलन की स्थिति: राम सिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से

प्रकृति, पुरुष और परमात्मा—ये तीनों जब परस्पर एकाकार होकर महारास (जल) का रूप धारण करते हैं, तब जीवन की सभी विरोधाभासी भावनाएँ, जैसे जड़ता और चेतनता, अमरता और मरता, तरलता और सरलता, सघनता और विरलता, अमलता और विमलता, सब लोप हो जाती हैं। यह वही क्षण होता है जब विविधताएं अपनी शुद्ध बुद्धि खोकर भिन्न […]

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विचार दर्शन विचार दर्शन राम सिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से

कानपुर जब प्रकृति ,पुरुष परमात्मा यह तीनों ही परस्पर एक होकर महारास(जल) का रूप धारण कर लेते हैं! तब जड़ता वह चेतनता अमरता व मरता तरलता व सरलता व सघनता व विरलता अमलता व विमलता आदि विरोधाभासी भावों का लोप हो जाता है, यह स्थिति ही महारास होती है । विविधताएं ही शुध बुध खोकर

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