विचार दर्शन: महारास: परमात्मा से मिलन की स्थिति: राम सिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से
प्रकृति, पुरुष और परमात्मा—ये तीनों जब परस्पर एकाकार होकर महारास (जल) का रूप धारण करते हैं, तब जीवन की सभी विरोधाभासी भावनाएँ, जैसे जड़ता और चेतनता, अमरता और मरता, तरलता और सरलता, सघनता और विरलता, अमलता और विमलता, सब लोप हो जाती हैं। यह वही क्षण होता है जब विविधताएं अपनी शुद्ध बुद्धि खोकर भिन्न […]
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