माझी मांझी: मध्यस्थता की परंपरा:बाबू बलदेव सिंह गौड की कलम से

माझी मांझी: मध्यस्थता की परंपरा: बाबू बलदेव सिंह गौड की कलम से

माझी या माझवर का संबोधन आदिवासी समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। ‘माझी’ शब्द का अर्थ ‘मध्यस्थ’ होता है, जो इस बात का संकेत है कि माझी लोग दो पक्षों के बीच मध्यस्थता करने वाले माने जाते थे। इनकी भूमिका को समझने के लिए हमें प्राचीन काल के सामाजिक ढांचे को समझना होगा, […]

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