कश्यप सन्देश

महरा

मल्लाह जाति: अपराधी जनजातियों का कलंक और पहचान की तलाश: मनोज कुमार मछवारा की कलम से

मल्लाह जाति: अपराधी जनजातियों का कलंक और पहचान की तलाश: मनोज कुमार मछवारा की कलम से

मल्लाह जाति का इतिहास एक संघर्ष और अस्तित्व की कहानी है। प्रोफेसर हेनरी श्वार्ज़ के अनुसार, भारतीय समाज में यह धारणा गहराई से जमी हुई थी कि अपराध वंशानुगत होता है, और इस आधार पर मल्लाह जैसी जातियों को अपराधी मानकर उनके पूरे समुदाय को दोषी ठहराया जाता था। 1772 में वॉरेन हेस्टिंग्स के कार्यकाल […]

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कहार की कहानी: भाग -1 :मुकेश कश्यप की कलम से

कहार की कहानी: भाग -1 :मुकेश कश्यप की कलम से

कहार एक प्राचीन जनजाति है जिसका उल्लेख संस्कृत में “स्कंध-कर” के रूप में होता है, जिसका अर्थ है “वह जो कंधे पर बोझ उठाता है”। यह जनजाति विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में संलग्न रहती है, जिसमें विशेष रूप से पानी के नट जैसे सिंघाड़े की खेती, मछली पकड़ना, पालकी उठाना, और घरेलू सेवाएं शामिल हैं।

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काहार जाति की कहानी :मनोज कुमार मछवारा की कलम से

काहार शब्द का संस्कृत में अर्थ “स्कंध-कारा” है, यानी वह जो अपने कंधों पर वस्तुएं ढोता है। यह जनजाति विभिन्न प्रकार के कार्यों में संलग्न है, जैसे जलाशयों में जल-नट उगाना, मछली पकड़ना, पालकी ढोना और घरेलू सेवा करना। इन विभिन्न पेशों के कारण काहार जाति और उसकी उप-जातियों का एक विस्तृत विश्लेषण किया जा

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