नव वर्ष की नव शुभकामनाएं : कवि रामसिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से
नव वर्ष की नव शुभकामनाएंहम भी हँसे, आप भी मुस्कुराएं।नवोदय अरुण की नवल रश्मियां हैं,नए फूल हैं और नई पत्तियां हैं।नयी चल रही हैं बसंती हवाएं,हम भी हँसे, आप भी मुस्कुराएं। धरती ने फसलों का खोला है ख़ज़ाना,बुलबुल है गाती, नए ही तराने।नवेली दुल्हन सी सजी हैं दिशाएं,हम भी हँसे, आप भी मुस्कुराएं। जहां प्रेम-सचाई […]
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