कश्यप सन्देश

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8 September 2024

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आगरा में एटौरा देवी मेले का आयोजन 11 और 12 सितंबर को, निषाद कश्यप समाज के लिए गौरवशाली परंपरा
मल्लाह जाति: अपराधी जनजातियों का कलंक और पहचान की तलाश: मनोज कुमार मछवारा की कलम से
राष्ट्रीय सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन मेंआदिवासी कश्यप कहार निषाद समुदाय की एकजुटता पर जोर
समतामूलक और भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र की परिकल्पना: सर्वेश कुमार "फिशर" की कलम से
राजनीति का परिदृश्य: राम सिंह "राम" कश्यप की कलम से
विजय निषाद को निषाद पार्टी द्वारा चित्रकूट मंडल का कोऑर्डिनेटर बनाए जाने पर कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर
दिल्ली चलो: 5 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में होगा राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन

धीमार

कहार की कहानी: भाग -1 :मुकेश कश्यप की कलम से

कहार की कहानी: भाग -1 :मुकेश कश्यप की कलम से

कहार एक प्राचीन जनजाति है जिसका उल्लेख संस्कृत में “स्कंध-कर” के रूप में होता है, जिसका अर्थ है “वह जो कंधे पर बोझ उठाता है”। यह जनजाति विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में संलग्न रहती है, जिसमें विशेष रूप से पानी के नट जैसे सिंघाड़े की खेती, मछली पकड़ना, पालकी उठाना, और घरेलू सेवाएं शामिल हैं। […]

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काहार जाति की कहानी :मनोज कुमार मछवारा की कलम से

काहार शब्द का संस्कृत में अर्थ “स्कंध-कारा” है, यानी वह जो अपने कंधों पर वस्तुएं ढोता है। यह जनजाति विभिन्न प्रकार के कार्यों में संलग्न है, जैसे जलाशयों में जल-नट उगाना, मछली पकड़ना, पालकी ढोना और घरेलू सेवा करना। इन विभिन्न पेशों के कारण काहार जाति और उसकी उप-जातियों का एक विस्तृत विश्लेषण किया जा

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