कश्यप सन्देश

धनुर्विद्या

सम्राट हिरण्यधनु और निषादों की गौरवगाथा:ए. के. चौधरी की कलम से

सम्राट हिरण्यधनु और निषादों की गौरवगाथा:ए. के. चौधरी की कलम से

श्रृंगवेरपुर राज्य पर निषादों का कब्जा था, और इस राज्य के निषाद धनुर्विद्या में प्रारंभ से ही माहिर माने जाते थे। उनके इस अद्वितीय कौशल के कारण कोई भी राजा या राज्य उनसे युद्ध करने से पहले कई बार सोचने पर मजबूर हो जाता था। इस राज्य के सेनापति, बलशाली और युद्धकला में निपुण हिरण्यधनु […]

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एकलव्य: एक महान योद्धा : भाग -2 : ए. के. चौधरी की कलम से

एकलव्य: एक महान योद्धा : भाग -2 : ए. के. चौधरी की कलम से

लगातार अभ्यास से एकलव्य ने धनुर्विद्या में अपार निपुणता प्राप्त की। एक दिन, जब पांडव और कौरव गुरु द्रोण के साथ शिकार करने जंगल पहुंचे, उनके साथ एक कुत्ता भी था। वह कुत्ता एकलव्य के आश्रम में जा पहुंचा और भौंकने लगा। एकलव्य ने अपने बाणों से बिना चोट पहुंचाए कुत्ते का मुंह बंद कर

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एकलव्य: एक महान योद्धा : भाग -1 : ए. के. चौधरी की कलम से

एकलव्य: एक महान योद्धा : भाग -1 : ए. के. चौधरी की कलम से

एकलव्य, अप्रतिम लगन और गुरु भक्ति के लिए जाने जाते हैं। पिता हिरण्यधनु की मृत्यु के बाद, वह श्रृंगवेर राज्य के शासक बने। अमात्य परिषद की मंत्रणा से उन्होंने निषादों की एक सशक्त सेना गठित की और सीमाओं का विस्तार किया। महान धनुर्धर एकलव्य ने स्वयं श्री कृष्ण का भी ध्यान आकर्षित किया। श्री कृष्ण

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