कश्यप सन्देश

23 October 2024

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बात कुछ ऐसी करो : कवि रामसिंह कश्यप 'राम' की कलम से
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क्या केवल अन्न का उपवास ? मनोज कुमार मछुआरा,प्रमुख, उत्तर प्रदेश,कश्यप संदेश

कवि राम सिंह कश्यप की कलम से

धारण जो करते उनके कट जाते दुख कष्ट क्लेश:कवि राम सिंह कश्यप की कलम से

धारण जो करते उनके कट जाते दुख कष्ट क्लेश:कवि राम सिंह कश्यप की कलम से

गूंज रहा धरती से अंबर तक, ऋषि कश्यप का संदेश,धारण जो करते हैं उनके, कट जाते दुख कष्ट क्लेश। ज्ञान, विवेक, भक्ति, श्रद्धा, सद्भाव का अनुपम दर्शन है,रक्षा करता इनकी प्रतिपल, हरि का चक्र सुदर्शन है।शक्तिहीन सुर शक्ति पाते, बन जाते हैं रंक नरेश,धारण जो भी करते उनके, कट जाते दुख कष्ट क्लेश। माता-पिता गुरु […]

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गांधी: देश की पहचान:कवि राम सिंह कश्यप की कलम से

गांधी: देश की पहचान:कवि राम सिंह कश्यप की कलम से

भारत के लिए आज़ादी का वरदान है गांधी,सच पूछो तो इस देश की पहचान है गांधी। बंदूक से ज्यादा दहशत थी,कमजोर सी दिखती लाठी में,फौलाद से ज्यादा ताकत थी,उस दुबली-पतली काठी में। सत्य, अहिंसा, न्याय, धर्म की शान है गांधी,सच पूछो तो इस देश की पहचान है गांधी। ना पद की चिंता, चाह करी,ना वैभव

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जीवन का चित्र: कवि राम सिंह कश्यप की कलम से

यह जीवन का रूप अधूरे सपनों की छाया है,जग तो केवल चित्र है, इसमें मन क्यों उलझाया है। जैसे सागर में जल ही तो लेता रूप तरंगों का,वैसे ही कुछ मूल्य नहीं है, जीते मरते अंगों का।सोचो तो सागर के जल ने क्या खोया पाया है?जो प्रशांत है, वह लहरों से होता कभी अशांत नहीं,जीवन

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