कीर्ति : कवि रामसिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से
जग से लोग चले जाते हैं, रह जाती तस्वीरें हैं।कर्मों से बनती मिटती, इंसानों की तकदीरे है। पूर्व जन्म के संस्कार से, होता जीवन का उद्भव,कोई भोग यानि है पाता, कोई बने महा मानव।कट जाती निष्काम कर्म से, जन्मों की जंजीरें हैं।जग से लोग चले जाते हैं, रह जाती तस्वीरें हैं। कीर्ति कामना किंचित कोई, […]
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