कश्यप सन्देश

14 March 2025

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रामसिंह कश्यप ‘राम’

कीर्ति : कवि रामसिंह कश्यप 'राम' की कलम से

कीर्ति : कवि रामसिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से

जग से लोग चले जाते हैं, रह जाती तस्वीरें हैं।कर्मों से बनती मिटती, इंसानों की तकदीरे है। पूर्व जन्म के संस्कार से, होता जीवन का उद्भव,कोई भोग यानि है पाता, कोई बने महा मानव।कट जाती निष्काम कर्म से, जन्मों की जंजीरें हैं।जग से लोग चले जाते हैं, रह जाती तस्वीरें हैं। कीर्ति कामना किंचित कोई, […]

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बात कुछ ऐसी करो : कवि रामसिंह कश्यप 'राम' की कलम से

बात कुछ ऐसी करो : कवि रामसिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से

बात कुछ ऐसी करो जिससे बात बन जाए,बात ऐसी ना करो जिससे रार ठन जाए।है कोई गैर नहीं जिससे बैर करता है,प्रेम करने से ही रंग, रूप, गुण निखरता है। मन में वह भाव भरे, मन ही सुमन हो जाए,बात ऐसी ना करो जिससे रार ठन जाए।कोई हिंदू, न मुसलमान, सिख न ईसाई,इसी एक सत्य

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