कश्यप सन्देश

14 March 2025

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महर्षि वेदव्यास

महर्षि वेदव्यास: त्रेता से कलियुग तक का अनमोल योगदान : रामसेवक निषाद की कलम से

महर्षि वेदव्यास: त्रेता से कलियुग तक का अनमोल योगदान : रामसेवक निषाद की कलम से

महर्षि वेदव्यास का जन्म त्रेता युग के अंत में हुआ और वे द्वापर युग का पूरा काल जीवित रहे। माना जाता है कि कलियुग के आरंभ में उन्होंने पृथ्वी का त्याग किया। महर्षि वेदव्यास की माता सत्यवती ने हस्तिनापुर के राजा शांतनु से विवाह किया था, जो भीष्म के पिता थे। इस प्रकार महर्षि वेदव्यास […]

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महर्षि वेदव्यास के रहस्य और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ:ए. के. चौधरी की कलम से

महर्षि वेदव्यास के रहस्य और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ:ए. के. चौधरी की कलम से

महर्षि वेदव्यास का जन्म नेपाल के तानहु जिले के दमौली में हुआ था। जहाँ उन्होंने महाभारत की रचना की, उस गुफा को आज भी देखा जा सकता है। वेदव्यास जी को भगवान विष्णु का 18वां अवतार माना जाता है। उनका जीवन त्रेता युग के अंत में शुरू हुआ और वे द्वापर युग तक जीवित रहे।

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निषाद, कश्यप का गौरव: महर्षि वेदव्यास:(भाग-1): ए. के. चौधरी की कलम से

निषाद, कश्यप का गौरव: महर्षि वेदव्यास:(भाग-1): ए. के. चौधरी की कलम से

पौराणिक कथाओं के अनुसार, गुरु वशिष्ठ के पुत्र शक्ति और शक्ति के पुत्र पराशर हुए। पराशर स्वयं सिद्ध महर्षि थे, जिन्होंने दाशराज की कन्या सत्यवती से वेदव्यास को जन्म दिया था। जन्म के समय वेदव्यास जी का वर्ण श्याम था, इसलिए इनका नाम कृष्ण हुआ। इनका जन्म यमुना नदी के द्वीप में हुआ था, इसलिए

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