बात कुछ ऐसी करो : कवि रामसिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से
बात कुछ ऐसी करो जिससे बात बन जाए,बात ऐसी ना करो जिससे रार ठन जाए।है कोई गैर नहीं जिससे बैर करता है,प्रेम करने से ही रंग, रूप, गुण निखरता है। मन में वह भाव भरे, मन ही सुमन हो जाए,बात ऐसी ना करो जिससे रार ठन जाए।कोई हिंदू, न मुसलमान, सिख न ईसाई,इसी एक सत्य […]
बात कुछ ऐसी करो : कवि रामसिंह कश्यप ‘राम’ की कलम से Read More »
ब्लॉग