कश्यप सन्देश

21 November 2024

ट्रेंडिंग

राष्ट्रीय प्रेस दिवस: स्वतंत्रता और लोकतंत्र का प्रतीक:
माझी मांझी: मध्यस्थता की परंपरा:बाबू बलदेव सिंह गौड की कलम से
गाँव-गाँव शिक्षा जागरूकता की जिम्मेदारी सभी सामाजिक लोगों को निभानी होगी : श्यामलाल निषाद

ब्लॉग

ताज़ा ख़बरें, रोचक लेख, और उत्थानकारी कहानियाँ – हिंदी ब्लॉग श्रेणी में समाचार का सबसे नया अपडेट पाएं। अब जुड़ें और रहें विश्व की अहम घटनाओं से अपडेट।

निषाद बिंद राजवंश के संस्थापक, महायोद्धा विंध्यशक्ति: एक गौरवशाली इतिहास:बाबू बलदेव सिंह गोंड की कलम से

निषाद बिंद राजवंश के संस्थापक, महायोद्धा विंध्यशक्ति: एक गौरवशाली इतिहास:बाबू बलदेव सिंह गोंड की कलम से

विंध्य प्रदेश के घने जंगलों और ऊँचे पहाड़ों के बीच, एक महान राजवंश का उदय हुआ जिसे हम “विंध्य बिंद राजवंश” के नाम से जानते हैं। इस राजवंश के संस्थापक, महायोद्धा विंध्यशक्ति थे, जिन्होंने 248 ईस्वी से 284 ईस्वी तक शासन किया। विंध्यशक्ति का जन्म एक आदिवासी परिवार में हुआ था, लेकिन उनकी युद्ध कला, […]

निषाद बिंद राजवंश के संस्थापक, महायोद्धा विंध्यशक्ति: एक गौरवशाली इतिहास:बाबू बलदेव सिंह गोंड की कलम से Read More »

ब्लॉग, , , , , , ,
क्या केवल अन्न का उपवास ? मनोज कुमार मछुआरा,प्रमुख, उत्तर प्रदेश,कश्यप संदेश

क्या केवल अन्न का उपवास ? मनोज कुमार मछुआरा,प्रमुख, उत्तर प्रदेश,कश्यप संदेश

उपवास भारतीय समाज और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। सदियों से हमारे देश में स्त्री, पुरुष, वृद्ध, युवा सभी उपवास की इस परंपरा का पालन करते आ रहे हैं। उपवास का सीधा तात्पर्य भोजन का त्याग करना है, लेकिन इसके पीछे कई आध्यात्मिक और शारीरिक कारण भी छिपे हैं। उपवास करने से न केवल हमारा

क्या केवल अन्न का उपवास ? मनोज कुमार मछुआरा,प्रमुख, उत्तर प्रदेश,कश्यप संदेश Read More »

ब्लॉग, , , ,
आदिवासी परंपरा में तेसू और झिंझिया का विवाह: नारायणपुरवा, परौख में अनोखी प्रथा

आदिवासी परंपरा में टेसू और झिंझिया का विवाह: नारायणपुरवा, परौख में अनोखी प्रथा:जयवीर सिंह निषाद,ब्यूरो इंचार्ज,कानपुर देहात

कानपुर देहात के ब्यूरो इंचार्ज जयवीर सिंह निषाद ने बताया कि निषाद समुदाय की एक महत्वपूर्ण आदिवासी परंपरा का आयोजन नारायणपुरवा, परौख गाँव में हुआ। इस परंपरा के अनुसार, हिंदू कैलेंडर के अनुसार कुंवार की रामनवमी से टेसू और झिंझिया दोनों मिट्टी के पुतले का खेल शुरू होता है। टेसू पुरुषों की टोली का नेतृत्व करते

आदिवासी परंपरा में टेसू और झिंझिया का विवाह: नारायणपुरवा, परौख में अनोखी प्रथा:जयवीर सिंह निषाद,ब्यूरो इंचार्ज,कानपुर देहात Read More »

ब्लॉग, , , , , , , , , , , , , , , , , , , ,
मैं निषाद हूँ :लालू प्रसाद बिंद( पूर्वांचल महासचिव )

मैं निषाद हूँ :लालू प्रसाद बिंद( पूर्वांचल महासचिव )

लालू प्रसाद बिंद( पूर्वांचल महासचिव ) मैं ही बिंद, साहनी और मैं ही निषाद पुत्र हूँ,शत्रुओं का विकट शत्रु, दोस्तों का सच्चा मित्र हूँ।मैं ही धनुर्धर एकलव्य के लगन का गंतव्य हूँ,द्रोण जैसे गुरुओं को बेनकाब करने वाला शिष्य हूँ। मैं ही कालू बाबा की योग्यता का गुरुत्व हूँ,जिसका फैला देश-दुनिया में व्यापक महत्व हूँ।मैं ही पृथु

मैं निषाद हूँ :लालू प्रसाद बिंद( पूर्वांचल महासचिव ) Read More »

ब्लॉग, , , , , , , , , , ,
महार महरा: एक गौरवशाली संबोधन :बाबू बलदेव सिंह गौर की कलम से

गोंड वंश:महार महरा: एक गौरवशाली संबोधन :बाबू बलदेव सिंह गौर की कलम से

महार महरा शब्द हमारे समाज में आदिवासी शाखाओं का एक महत्वपूर्ण संबोधन है, जो उनके ऐतिहासिक महत्व और सामाजिक संरचना की महानता को प्रकट करता है। जब हम इतिहास की दृष्टि से इन शब्दों का विश्लेषण करते हैं, तो यह स्पष्ट होता है कि ये शब्द केवल संबोधन नहीं हैं, बल्कि एक गौरवशाली विरासत के

गोंड वंश:महार महरा: एक गौरवशाली संबोधन :बाबू बलदेव सिंह गौर की कलम से Read More »

ब्लॉग, , , ,
निषाद वंश : शीतल देवी : साहस और संकल्प की मिसाल : प्रभु दयाल निषाद,प्रमुख,कश्यप संदेश,गुजरात

निषाद वंश : शीतल देवी : साहस और संकल्प की मिसाल : प्रभु दयाल निषाद,प्रमुख,कश्यप संदेश,गुजरात

शीतल देवी का जन्म 2007 में जम्मू-कश्मीर के डोगरा समाज के एक साधारण परिवार में हुआ था। वह निषाद वंश की एक प्रतिनिधि हैं, और उनका जन्म फोकोमेलिया नामक दुर्लभ जन्मजात विकार के साथ हुआ था, जिसके कारण उनके हाथ पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए। शारीरिक चुनौतियों के बावजूद, शीतल ने अपने साहस

निषाद वंश : शीतल देवी : साहस और संकल्प की मिसाल : प्रभु दयाल निषाद,प्रमुख,कश्यप संदेश,गुजरात Read More »

ब्लॉग, , , , , ,
निषाद वंश का गौरव: केवट, कश्यप और सुदामा की कथा:ए. के. चौधरी की कलम से

निषाद वंश का गौरव: केवट, कश्यप और सुदामा की कथा:ए. के. चौधरी की कलम से

निषाद वंश की महानता और गौरव धीरे-धीरे प्रकट हो रहे हैं। यह एक ऐसा रहस्य है जिसे कुछ गिने-चुने लोग ही जानते हैं। निषाद वंश का एक अद्भुत भक्त था, जो परमात्मा से अनन्य प्रेम करता था। यह भक्त सतयुग, त्रेता युग और द्वापर युग में भी प्रभु का अनन्य सेवक रहा। उसका नाम था

निषाद वंश का गौरव: केवट, कश्यप और सुदामा की कथा:ए. के. चौधरी की कलम से Read More »

ब्लॉग, ,
नामीबिया में भुखमरी से जंगली जानवरों की हत्या का आदेश निरस्त:ए. के. चौधरी की कलम से

नामीबिया में भुखमरी से जंगली जानवरों की हत्या का आदेश निरस्त:ए. के. चौधरी की कलम से

इस समय दक्षिण अफ्रीका के निकट स्थित नामीबिया देश भयंकर अकाल का सामना कर रहा है। इस अकाल के चलते देश में चारों ओर भुखमरी फैली हुई है। इस विकट परिस्थिति में नामीबिया सरकार ने एक दुखद घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने 700 से अधिक जंगली जानवरों, जिनमें 200 से अधिक हाथी शामिल थे, को

नामीबिया में भुखमरी से जंगली जानवरों की हत्या का आदेश निरस्त:ए. के. चौधरी की कलम से Read More »

ब्लॉग, , ,
धारण जो करते उनके कट जाते दुख कष्ट क्लेश:कवि राम सिंह कश्यप की कलम से

धारण जो करते उनके कट जाते दुख कष्ट क्लेश:कवि राम सिंह कश्यप की कलम से

गूंज रहा धरती से अंबर तक, ऋषि कश्यप का संदेश,धारण जो करते हैं उनके, कट जाते दुख कष्ट क्लेश। ज्ञान, विवेक, भक्ति, श्रद्धा, सद्भाव का अनुपम दर्शन है,रक्षा करता इनकी प्रतिपल, हरि का चक्र सुदर्शन है।शक्तिहीन सुर शक्ति पाते, बन जाते हैं रंक नरेश,धारण जो भी करते उनके, कट जाते दुख कष्ट क्लेश। माता-पिता गुरु

धारण जो करते उनके कट जाते दुख कष्ट क्लेश:कवि राम सिंह कश्यप की कलम से Read More »

ब्लॉग, , , ,
महर्षि वेदव्यास के रहस्य और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ:ए. के. चौधरी की कलम से

महर्षि वेदव्यास के रहस्य और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ:ए. के. चौधरी की कलम से

महर्षि वेदव्यास का जन्म नेपाल के तानहु जिले के दमौली में हुआ था। जहाँ उन्होंने महाभारत की रचना की, उस गुफा को आज भी देखा जा सकता है। वेदव्यास जी को भगवान विष्णु का 18वां अवतार माना जाता है। उनका जीवन त्रेता युग के अंत में शुरू हुआ और वे द्वापर युग तक जीवित रहे।

महर्षि वेदव्यास के रहस्य और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ:ए. के. चौधरी की कलम से Read More »

ब्लॉग,
Scroll to Top