ध्रुव कुमार निषाद, प्रयागराज ब्यूरो, कश्यप संदेश
प्रयागराज, संगम नगरी में हो रहे महाकुंभ में निषाद समुदाय का योगदान अद्वितीय और सराहनीय है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर श्रद्धालुओं को स्नान कराने और सुरक्षित वापस पहुंचाने में निषाद समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। नाव संचालन की इस प्राचीन परंपरा को निभाते हुए निषाद समुदाय महाकुंभ के आयोजन को सुगम और यादगार बनाता है।
महाकुंभ में दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु संगम स्थल पर स्नान करने की इच्छा लेकर आते हैं। निषाद समुदाय के नाविक अपनी नावों के माध्यम से इन्हें संगम तक पहुंचाते हैं। संगम स्थल पर स्नान के पश्चात ये नाविक श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके स्थान पर वापस भी ले जाते हैं। उनकी सेवा और समर्पण को देखकर श्रद्धालु अभिभूत हो जाते हैं।
निषाद समुदाय के नाविकों के लिए महाकुंभ केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक सेवा और पुण्य कार्य है। नाविक धैर्यपूर्वक श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए महाकुंभ का इंतजार करते हैं। उनकी यह सेवा न केवल महाकुंभ को व्यवस्थित बनाती है, बल्कि गंगा-जमुना संस्कृति की आत्मा को भी जीवंत करती है।