कश्यप सन्देश

27 December 2024

ट्रेंडिंग

मछली नहीं देने पर मल्लाह की गोली मारकर हत्या, बिहार में बढ़ रही ऐसी घटनाएं
कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद की छठवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
बाबू बलदेव सिंह गौड़ का समाज के प्रति संदेश

देश का विभाजन -दूरदर्शिता की कमी, मजबूरी या एक बड़ी भूल ?

आजादी से पूर्व देश मे जो भी आंदोलन होते थे उन सबका उद्देश्य मात्र देश को बचाने ,अंग्रेजो को भगाने और राष्ट्र प्रेम से प्रेरित हुआ करते थे किन्तु वर्तमान मे देश के अंदर हो रहे आंदोलन मात्र अपना स्वार्थ सिद्ध करने , प्रसिद्धि पाने , संविधान की कमजोर कड़ी पर प्रहार करके देश विरोधी ताकतों को मजबूती देने के लिए बहुतायत से किये जा रहे है जिनमे राजनीतिक प्रतिद्वंदिता भी मुखर हो रही है ।14 अगस्त 1947 को जब देश का बंटवारा हुआ तो देश की कुल आबादी लगभग 33 करोड़ थी जिनमे मुख्य रूप से 11 करोड़ मुस्लिम और 22 करोड़ की आबादी मे हिन्दु व अन्य धर्म समुदाय के लोग थे । विशेष बात यह भी है कि जब जिन्ना ने लास्ट ब्रिटिश गवर्नर जनरल लोर्ड माउंट बैटिन के सामने भारत का विभाजन करके अलग मुस्लिम राष्ट्र बनाने की मांग की तो इसका समर्थन भारतीय राष्ट्रीय कोंग्रेस ने भी किया मगर ब्रिटिश गवर्नर जनरल देश विभाजन से जन्मे भविष्य के नए खतरों को बखूबी समझते थे और वो ये कभी नही चाहते थे कि भविष्य मे विभाजन के कारण जब नई चुनौतियाँ पैदा हों तो देश की जनता ये न कह सके कि ब्रिटिश गवर्नर जनरल ने देश का विभाजन करा दिया जिसके कारण देश मे नई नई समस्याएं पैदा हुई । इसलिए उन्होंने दो तुक शब्दों मे कहा कि हम अपनी मर्ज़ी से मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए देश का बंटवारा नही कर सकते इसके लिए देश की जनता की सहमति जरूरी है । इसके बाद भी धर्म के आधार पर राष्ट्र बनाने की मांग तेज होती गई तो तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर जनरल लार्ड माउंट बैटिन ने आदेश दिया कि वह इंडियन मुस्लिम लीग के द्वारा भारत मे मुस्लिमो से इलेक्शन कराएं कि अगर धर्म के आधार पर देश का बटवारा करके अलग मुस्लिम राष्ट्र बनाया जाए तो क्या भारत मे रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोग वहाँ रहने के लिए जाएंगे ? इसके बाद इस विषय को लेकर इलेक्शन हुआ जिसमे देश मे रह रहे 90 प्रतिशत मुस्लिमो ने मुस्लिम राष्ट बनाये जाने के पक्ष मे मतदान किया ,जिसके बाद देश का बटवारा मुस्लिम आबादी के आधार पर हुआ और देश मे रह रहे 11 करोड़ मुस्लिम जनसंख्या के आधार पर देश का दो तिहाई हिस्सा काटकर पाकिस्तान को दे दिया गया । जिससे अलग पाकिस्तान राष्ट्र का निर्माण हुआ ।

अब् हम अपने पाठको को विभाजन से उत्पन्न हुई देश की उस पीड़ा से रूबरू कराऊंगा जिसकी जानकारी शायद अधिकतर देशवासियो को नही होगी । जब देश का विभाजन हुआ और पाकिस्तान बनाया गया उस वक्त देश मे मुस्लिमो की कुल आबादी 11 करोड़ थी , इस आबादी ने पाकिस्तान बनाने के लिए इंडियन मुस्लिम लीग को अपना वोट तो दिया मगर 11 करोड़ की आबादी से मात्र 8 करोड़ ही मुस्लिम आबादी पाकिस्तान गई बाकी के 3 करोड़ मुस्लिन इंडिया मे ही रह गये । अब प्रश्न यह भी उठता है कि क्या तत्कालीन सत्ता और सरकार की ये जिम्मेवारी नही थी कि वो पाकिस्तान पर अपना दबाव बनाते और आवाज़ उठाते कि या तो बाकी के बचे 3 करोड़ मुस्लिमो के रहने और ले जाने की ब्यवस्था पाकिस्तान करे नही तो 3 करोड़ मुस्लिमो के बदले जो क्षेत्रफल पाकिस्तान को दिया गया है वह जमीन भारत को वापस करे । और अगर धर्म के नाम पर वोट देकर पाकिस्तान बनने के बाद भी मुस्लिम यहा रह गये तो देश का विभाजन मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान बनाने के लिए क्यू किया गया ? बटवारा घर का हो ,परिवार का हो या राष्ट्र का परिणान हमेशा पीड़ादायक ही होता है और इतिहास गवाह है कि देश के विभाजन की रात मे लगभग 20 लाख लोगो का नर संहार हुआ जिसे कभी भुलाया नही जा सकता ।

  • राम कुमार कश्यप (फ़ौजी भैया ) स्वतंत्र पत्रकार , लखनऊ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top