कश्यप सन्देश

मध्यप्रदेश में नई आबकारी नीति को मिली सहमति, महुआ की शराब को हेरिटेज(सांस्कृतिक धरोहर) का दर्जा

दिनेश कुमार मल्लाह,ब्यूरो प्रमुख,सतना,मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत महुआ की शराब को प्रोत्साहन देने का बड़ा फैसला किया है। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब-कमेटी ने नई नीति को मंजूरी दे दी है, और जल्द ही इसके संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी। इस नीति के अनुसार, अब घर में महुआ की शराब रखने की अनुमति दी जाएगी, जोकि आदिवासी समाज से गहरे जुड़े महुआ के कारोबार को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नई नीति के तहत होटल और बार में हेरिटेज मदिरा रखना अनिवार्य किया गया है, जिससे प्रदेश में हेरिटेज लिकर के रूप में महुआ की शराब को विशेष पहचान मिल सके। होटल और बार में दो पेटी हेरिटेज मदिरा रखने की अनुमति होगी, जबकि निजी घरों में चार बोतल तक महुआ की शराब रखी जा सकेगी।

महुआ के फूल से बनी यह मदिरा एक वनोपज है, जो पारंपरिक रूप से आदिवासी समाज में एक विशेष स्थान रखती है। वर्ष 2022 में राज्य सरकार ने हेरिटेज मदिरा के उत्पादन के लिए नीति बनाई थी, जिसके तहत इसे आदिवासी क्षेत्रों तक सीमित रखते हुए वहां के उत्पादकों को इसका निर्माण और विक्रय करने की अनुमति दी गई थी। इस नई नीति से आदिवासी समाज के लोगों को रोजगार और आर्थिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।

सरकार ने महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से भी हेरिटेज मदिरा के निर्माण को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके माध्यम से आदिवासी महिलाओं को स्वावलंबी बनने और अपनी संस्कृति को संजोने का अवसर मिलेगा।

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