रांची, हेमंत सोरेन सरकार ने 8 जुलाई 2024 को झारखंड विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली 45 विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि विपक्ष ने मतदान में भाग नहीं लिया और वाकआउट कर दिया। श्री सोरेन ने यह प्रस्ताव पेश किया था जिस पर बहस हुई।
बहस के दौरान, हेमंत सोरेन ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। श्री सोरेन ने कहा कि भाजपा सत्ता में रहने के लिए इन एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर कर रही है।
हाल ही में झारखंड उच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाला मामले में जमानत दी थी। इस मामले पर भी उन्होंने अपनी बात रखी और कहा कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा झारखंड के लोगों के हित में काम किया है और आगे भी करता रहूंगा। यह आरोप मुझे और मेरे काम को कमजोर नहीं कर सकते।”
विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष का वाकआउट और विश्वास मत में भाग न लेना उनकी रणनीति का हिस्सा था। हालांकि, इस जीत ने हेमंत सोरेन सरकार को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है और आने वाले समय में उनकी राजनीतिक स्थिति को और मजबूत कर सकता है।
इस विश्वास मत के परिणाम से यह भी स्पष्ट हो गया है कि जेएमएम के नेतृत्व वाली सरकार का विधानसभा में स्पष्ट बहुमत है और हेमंत सोरेन का नेतृत्व अभी भी स्थिर और सशक्त है।