राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की आपातकाल पर की गई टिप्पणियों को अनुचित बताया है। पवार का कहना है कि इस प्रकार की टिप्पणियां लोकसभा अध्यक्ष की गरिमा के अनुकूल नहीं हैं।
ओम बिरला ने हाल ही में आपातकाल की आलोचना करते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय करार दिया था। उनकी इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा, “लोकसभा अध्यक्ष को अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करना चाहिए। आपातकाल की घटनाओं पर टिप्पणी करना उनका काम नहीं है।”
शरद पवार ने आगे कहा कि ओम बिरला को अपने पद की निष्पक्षता और गरिमा को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “लोकसभा अध्यक्ष को सभी दलों के प्रति समान सम्मान दिखाना चाहिए और विवादास्पद विषयों पर सार्वजनिक बयान देने से बचना चाहिए।”
पवार के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने भी शरद पवार के बयान का समर्थन किया है और ओम बिरला से अपनी टिप्पणियों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पवार के बयान को अनुचित बताते हुए कहा है कि ओम बिरला ने केवल ऐतिहासिक सच्चाई को उजागर किया है।
यह विवाद ऐसे समय में उभरा है जब देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है। शरद पवार के बयान ने लोकसभा अध्यक्ष के पद की भूमिका और जिम्मेदारियों पर एक नई बहस छेड़ दी है।
देखना होगा कि ओम बिरला इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह मुद्दा संसद के आगामी सत्र में उठेगा। यह विवाद निश्चित रूप से आगामी राजनीतिक चर्चाओं को प्रभावित करेगा।