कानपुर राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर के हरियाली और प्राकृतिक सौदर्य से युक्त संस्थान के लान में योग दिवस की परंपरा को आगे बढ़ाते हुये छात्रों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने योग गुरू श्री विनोद कुमार सोनकर के निर्देशन में प्रातः 6.30 से 7.30 तक योग किया। योगाचार्य ने योग के विविध आसनों को करवाते हुये उनके फायदे के बारे में विस्तार से बताया।
संस्थान की निदेशक, प्रो. सीमा परोहा ने कहा कि योग हमारे मनीषी योगियों की देन है। कहते हैं कि हिमालय की कंदराओं में योग के बल पर आज भी कितने ही ऋषि-मुनि जीवित हैं। साधारण आदमी के लिये वहां पर जा पाना संभव नहीं है। इसका उद्देश्य मानसिक, शारीरिक और आत्मिक रूप से व्यक्ति को निरोगी और फिट रखना है। यह हमारे शरीर को तरोताजा भी करता है और हमें शांत भी रखता है। स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। हम सबका पुनीत कर्तव्य है कि हम प्रतिदिन योग करें और निरोगी रहें।
प्रो.परोहा ने कहा कि योगाचार्य को गुरूदक्षिणा के रूप में सभी लोग नियमित रूप से योग करने का संकल्प लें। इसके दोहरे फायदे होंगे – 1. डॉक्टर के पास कम जाना पड़ेगा, 2. तन-मन स्वस्थ रहेगा तो ज्यादा काम कर सकेंगें और तनाव से भी दूर रहेंगें।
प्रातःकालीन मंद-मंद बहती सुगंधित समीर के बीच योग का अपना अलग आनंद रहा। योग के उपरांत सभी ने लस्सी और केले का आनंद लिया।