नई दिल्ली: 24 मई, 2024 को राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) में श्रीलंका के वरिष्ठ सिविल सेवकों के लिए तीसरा क्षमता निर्माण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में श्रीलंका के 41 वरिष्ठ सिविल सेवक अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें सहायक प्रभागीय सचिव, सहायक सचिव, उप सार्जेंट और निदेशक शामिल थे। इस कार्यक्रम के साथ एनसीजीजी ने अब तक कुल 95 श्रीलंकाई सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया है।
विदेश मंत्रालय द्वारा ‘आकर्षण की केंद्र संस्था’ के रूप में चिह्नित एनसीजीजी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिविल सेवकों को महत्वपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने में अग्रणी है। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) तथा पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीपीपीडब्ल्यू) के सचिव और महानिदेशक एनसीजीजी श्री वी. श्रीनिवास ने समापन भाषण दिया। उन्होंने “अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार” की नीति के तहत प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की सफलताओं को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में भूमि अधिग्रहण, सार्वजनिक कार्मिक प्रणाली, उच्च मानव विकास सूचकांक बनाए रखना और कोविड के बाद पर्यटन में उछाल जैसे विषयों पर समूह प्रस्तुतियाँ दी गईं। श्री वी. श्रीनिवास ने प्रस्तुतियों की सराहना की।
पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए. पी. सिंह ने शासन, डिजिटल परिवर्तन, विकासात्मक योजनाओं और टिकाऊ प्रथाओं पर चर्चा की। प्रतिभागियों ने प्रतिष्ठित संस्थानों और स्थलों का दौरा भी किया, जिसमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान, और ताज महल शामिल थे।
इस कार्यक्रम की देखरेख एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ए. पी. सिंह, एसोसिएट पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. एम. के. भंडारी, और कार्यक्रम सहायक श्री संजय दत्त पंत ने की। सलाहकार श्रीमती प्रिस्का पॉली मैथ्यू और सहायक प्रोफेसर डॉ. गज़ाला हसन भी उपस्थित थीं।